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قصة الكتاب :
रवींद्रनाथ टैगोर की 'गीतांजलि' गीतों का एक संग्रह है, जिसका अर्थ है 'गीतों का उपहार'। यह पुस्तक समर्पण के भाव से भरी है और इसमें व्यक्ति का ईश्वर और प्रकृति के प्रति प्रेम दर्शाया गया है। 'गीतांजलि' के लिए टैगोर को १९१३ में साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिला था, और इसका अनुवाद सरल भाषा में है ताकि इसे आसानी से समझा जा सके।
जन्म: 7 मई, 1861 को कोलकाता के जोड़ासाँको ठाकुरबाड़ी। रवीन्द्रनाथ ठाकुर को गुरुदेव के नाम से भी जाना जाता है। वे एकमात्र कवि हैं जिनकी दो रचनाएँ दो देशों का राष्ट्रगान बनीं - भारत का राष्ट्रगान जन गण मन और बांग्लादेश का राष्ट्रीय गान आमार सोनार बांग्ला गुरुदेव की ही रचनाएँ हैं। कृतियाँ: गीतांजलि, गीताली, गीतिमाल्य, कथा ओ कहानी, शिशु, शिशु भोलानाथ, कणिका, क्षणिका, खेया आदि प्रमुख हैं। सम्मान: ‘गीतांजलि’ के लिए उन्हें सन् 1913 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिला। निधन: 7 अगस्त, 1941.
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